आजकल माचा टी हेल्थ और वेलनेस की दुनिया में अपनी खास पहचान बना चुकी है। जापान से शुरू हुई यह ग्रीन पाउडर अब भारत समेत दुनियाभर में सेहत के प्रति सजग लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। लेकिन माचा टी के स्वास्थ्य लाभों की चर्चा के बीच एक सवाल अक्सर सामने आता है – क्या माचा में कैफीन होता है? अगर हां, तो इसकी मात्रा कितनी है और क्या यह शरीर के लिए सुरक्षित है? आइए जानते हैं|

माचा में कैफीन होता है या नहीं?
माचा, पारंपरिक ग्रीन टी का एक पाउडर रूप है जो ग्रीन टी की पत्तियों को पीसकर तैयार किया जाता है। माचा में कई पोषक तत्व होते हैं जो हृदय स्वास्थ्य, त्वचा, मेटाबॉलिज़्म और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। लेकिन चूंकि यह ग्रीन टी से ही बना होता है, इसलिए इसमें कैफीन की मौजूदगी स्वाभाविक है।
माचा में कितनी कैफीन होती है?
माचा में कैफीन की मात्रा आम ग्रीन टी से अधिक, लेकिन कॉफी से कम होती है। 250 मिलीलीटर कॉफी में कैफीन की मात्रा 100 से 110 मिलीग्राम तक होती है और माचा टी में लगभग 60 से 75 मिलीग्राम कैफीन होता हैवहीं माचा में मौजूद एल-थीनाइन नामक अमीनो एसिड मानसिक सतर्कता और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। यह कैफीन के प्रभाव को संतुलित करता है, जिससे अचानक थकान या ‘कैफीन क्रैश’ जैसी स्थिति नहीं होती।
माचा बनाम कॉफी: कौन है बेहतर विकल्प?
हालांकि कॉफ़ी और माचा दोनों में ही कैफीन होता है, लेकिन माचा में कैफीन का असर कॉफी की तुलना में अधिक स्थिर और संतुलित होता है। कॉफी में कैफीन तेजी से अवशोषित होता है, जिससे तुरंत एनर्जी तो मिलती है लेकिन कुछ समय बाद थकान और चिड़चिड़ापन आ सकता है जिसे कैफीन क्रैश कहा जाता है। माचा में मौजूद एल-थीनाइन कैफीन के असर को धीमा और स्थिर बना देता है, जिससे आप लंबे समय तक एक्टिव महसूस करते हैं।
इसलिए अगर आप किसी ऐसे विकल्प की तलाश में हैं जो एनर्जी भी दे और आपकी सेहत को भी नुकसान न पहुंचाए, तो माचा एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
माचा पीने के फायदे
एंटीऑक्सिडेंट्स का बेहतरीन स्रोत: माचा में कैफीन के साथ-साथ कैटेचिन और EGCG (एपिगैलोकैटेचिन गैलेट) जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स भी मौजूद होते हैं, जो कोशिकाओं को क्षति, सूजन और उम्र बढ़ने के प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
ऊर्जा और संतुलन: यह शरीर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करता है और बिना झटके के ऊर्जा प्रदान करता है।
त्वचा और मेटाबॉलिज्म को फायदा: माचा मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और त्वचा को निखारने में मदद करता है।
फोकस और मूड में सुधार: एल-थीनाइन मस्तिष्क को शांत रखता है और फोकस बढ़ाता है।
कितना माचा पीना सुरक्षित है?
माचा में कैफीन होने के बाबजूद ये एक फेमस ड्रिंक बन गयी है इसलिए कोई भी चीज़ अगर सीमित मात्रा में ली जाए तो फायदेमंद होती है। एक्सपर्ट्स मानते हैं दिन में 1 से 2 कप माचा टी का सेवन आमतौर पर सुरक्षित स्वस्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। हालांकि, अधिक मात्रा में कैफीन के सेवन से बेचैनी, नींद न आना, हृदय गति तेज होना और पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
ध्यान रखें कि हमेशा ऑर्गेनिक और प्रमाणित माचा पाउडर का ही चयन करें ताकि आप हानिकारक तत्वों से बचे रहें।
निष्कर्ष
माचा एक हेल्दी और ट्रेंडिंग विकल्प बन चुका है, खासकर उनके लिए जो कैफीन की आदत को थोड़ा बेहतर और संतुलित बनाना चाहते हैं। माचा में कैफीन ज़रूर होता है, लेकिन यह कॉफी जितना असर नहीं करता। अगर आप एनर्जी, फोकस और स्वास्थ्य लाभ के सही संतुलन की तलाश में हैं तो माचा एक बेहतरीन विकल्प है — बस इसका सेवन संतुलित मात्रा में करें।
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