उम्र बढ़ने के साथ भूलने की समस्या? यह डिमेंशिया की शुरुआत हो सकती है 


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60 की उम्र के बाद अक्सर लोगों को चीजें भूलने की शिकायत होती है। कभी नाम याद नहीं रहता, तो कभी कोई ज़रूरी तारीख। ज़्यादातर लोग इसे सामान्य उम्र बढ़ने की प्रक्रिया मानते हैं, लेकिन क्या आपने सोचा है कि यह समस्या आपकी सोच से कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकती है? दरअसल, यह एक गंभीर मानसिक बीमारी की शुरुआत हो सकती है। 

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, जैसे डायबिटीज, मोतियाबिंद और हाई बीपी उम्र के साथ बढ़ते हैं, वैसे ही डिमेंशिया भी एक ऐसी बीमारी है जो आपकी याददाश्त, सोचने की क्षमता और व्यवहार को इस हद तक प्रभावित कर सकती है कि आप अपने करीबी लोगों को भी पहचान नहीं पाते। 

भूलने की आदत या डिमेंशियाफर्क कैसे करें? 

स्वास्थ्य विशेषज्ञों बताते हैं कि बुज़ुर्गों में भूलने की सामान्य आदत और डिमेंशिया की शुरुआत में बारीक फर्क होता है।सामान्य भूलने में व्यक्ति कभी-कभार चाबी रखना भूल जाता है या कोई शब्द याद नहीं आता, लेकिन डिमेंशिया में व्यक्ति रोजमर्रा के काम करना भूल जाता है। बातचीत करना मुश्किल हो जाता है, नई चीजें सीखना लगभग नामुमकिन हो जाता है और निर्देशों को समझने में दिक्कत आने लगती है। 

डिमेंशिया के प्रमुख लक्षण 

  • नई जानकारी तुरंत भूल जाना 
  • एक ही बात को बार-बार दोहराना 
  • ज़रूरी तारीखें और आयोजन भूल जाना 
  • रोजमर्रा के कामों में परेशानी 
  • निर्देशों का पालन करने में दिक्कत 

भावनात्मक और सामाजिक बदलाव भी हैं संकेत 

स्वास्थ्य विशेषज्ञों बताते हैं कि केवल याददाश्त ही नहीं, बल्कि मूड, पर्सनालिटी और सामाजिक व्यवहार में बदलाव भी डिमेंशिया का संकेत हो सकते हैं। यदि कोई बुजुर्ग अचानक चिड़चिड़ा हो जाए, समाज से कटने लगे या अपनी आदतों में भारी बदलाव दिखाए, तो यह सतर्क होने का वक्त है। 

कब डॉक्टर से संपर्क करें? 

अगर भूलने की समस्या लगातार बढ़ रही हो और इसके साथ व्यवहार या सोचने की क्षमता पर भी असर पड़ रहा हो, तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें। जल्दी पहचान और इलाज से इस स्थिति को काफी हद तक मैनेज किया जा सकता है। 

क्या खाएं ताकि बचाव हो सके? 

इस बीमारी  से बचाव के लिए डाइट अहम भूमिका निभाती है। डेली डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां, नट्स और बेरीज़ को शामिल करने की सलाह दी जाती है। ये चीजें मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। 

निष्कर्ष 

भूलने को हल्के में न लें। खासकर 60 की उम्र के बाद यह डिमेंशिया का शुरुआती संकेत हो सकता है। समय रहते चेतावनी के इन संकेतों को पहचानें और सही समय पर डॉक्टर से सलाह लें। 

डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट केवल जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है। 


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soochnachakra

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