ट्रम्प का 100% टैरिफ झटका! भारतीय अर्थव्यवस्था पर संभावित असर


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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा फार्मास्यूटिकल्स (दवाइयों) के आयात पर 100% शुल्क लगाने की घोषणा ने वैश्विक दवा बाजार में हलचल पैदा कर दी है। भले ही फिलहाल यह नीति केवल ब्रांडेड और पेटेंटधारी दवाइयों पर लागू होगी और भारतीय जेनरिक दवाएँ इससे बाहर रखी गई हैं, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके कई अप्रत्यक्ष असर हो सकते हैं।

फार्मा उद्योग और निर्यात

भारत की फार्मा इंडस्ट्री करीब 50 अरब डॉलर का आकार रखती है और इसमें से लगभग 40% निर्यात अमेरिका को होता है

  • चूंकि जेनरिक दवाओं को अभी छूट मिली है, भारत को तुरंत बड़ा झटका नहीं लगेगा।
  • लेकिन यदि भविष्य में यह टैरिफ कंप्लेक्स जेनरिक और बायोसिमिलर्स तक बढ़ा, तो भारत की प्रमुख कंपनियां जैसे सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज़, सिप्ला आदि को बड़ा नुकसान हो सकता है।

शेयर बाजार पर असर

ट्रम्प की घोषणा के तुरंत बाद भारतीय फार्मा कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई।

  • सन फार्मा 3.4% टूटा,
  • निफ्टी फार्मा इंडेक्स में लगभग 2.6% की गिरावट आई।
    यह निवेशकों की उस चिंता को दर्शाता है कि भविष्य में भारत को व्यापारिक बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

डॉलर-रुपया समीकरण

यदि अमेरिकी बाजार में भारतीय दवाओं की मांग धीमी होती है तो विदेशी मुद्रा आय घट सकती है। इसका असर रुपये की मजबूती पर दबाव डाल सकता है, जबकि डॉलर मजबूत बना रह सकता है।

व्यापार संतुलन

भारत का अमेरिका के साथ सालाना लगभग 35 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस है। दवाइयाँ इसमें बड़ा योगदान करती हैं।

  • यदि टैरिफ नीति का दायरा बढ़ा, तो यह ट्रेड सरप्लस घटा सकती है
  • इससे भारत के चालू खाते (Current Account) पर दबाव बढ़ सकता है।

रोजगार और निवेश

भारतीय फार्मा उद्योग में लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। यदि अमेरिका की ओर निर्यात घटता है तो उद्योग में निवेश और रोजगार पर असर पड़ सकता है।
साथ ही, कंपनियां अपनी उत्पादन इकाइयों को अमेरिका में स्थानांतरित करने पर मजबूर हो सकती हैं, जिससे भारत को FDI में कमी का खतरा है।

हालांकि फिलहाल भारत की जेनरिक दवाएँ सुरक्षित हैं, लेकिन ट्रम्प की “प्रोटेक्शनिस्ट” नीतियाँ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अनिश्चितता बढ़ा रही हैं। यदि यह नीति दीर्घकालीन बनी रही और दायरा बढ़ा, तो भारत को निर्यात, विदेशी मुद्रा आय, रोजगार और शेयर बाजार — सभी मोर्चों पर असर झेलना पड़ सकता है।


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soochnachakra

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